Minerals in Jammu–Kashmir: Lithium के 'खजाने’ से उद्योग को मिलेगा बढ़ावा, जम्मू-कश्मीर के लोगों की भी बल्ले–बल्ले!
जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार पाया गया है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना में लिथियम के 5.9 मिलियन टन अनुमानित संसाधनों (G3) की खोज की। इस नॉन फेरस मेटल का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की बैटरी बनाने में किया जाता है जो भविष्य में देश के लिए एक बड़ा खजाना साबित होगा। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 59 लाख टन लिथियम का पता लगाया है। लिथियम का इस्तेमाल मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा, सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में किया जाता है।
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GSI (Geological Survey of India) 12 समुद्री खनिज जांच परियोजनाओं सहित 318 खनिज अन्वेषण परियोजनाओं सहित 966 कार्यक्रम चला रहा है। रणनीतिक-महत्वपूर्ण और उर्वरक खनिजों की खोज पर विशेष जोर दिया गया है। उर्वरक खनिजों पर 16 परियोजनाओं सहित रणनीतिक और महत्वपूर्ण खनिजों पर कुल 115 परियोजनाएं तैयार की गई हैं। इसके अलावा, भूसूचना विज्ञान पर 55 कार्यक्रम, मौलिक और बहु-विषयक भूविज्ञान पर 140 कार्यक्रम और प्रशिक्षण और संस्थागत क्षमता निर्माण के लिए 155 कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं।
यहां 5.9 मिलियन टन लिथियम पाया गया है। लिथियम का इस्तेमाल लिथियम बैट्री में होता है। इसका देश में मिलना हमारे लिए खुशी की बात है। चुब्बी इलाके में भी बहुत बड़ा लिथियम का ब्लॉक है: बीला रकवाल, DM रियासी, जम्मू और कश्मीर pic.twitter.com/s4IaDGM8FR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 10, 2023
इनके अलावा, 7897 मिलियन टन के कुल संसाधन वाले कोयला और लिग्नाइट की 17 रिपोर्टें भी कोयला मंत्रालय को सौंपी गईं। बैठक के दौरान विभिन्न विषयों और इंटरवेंशन क्षेत्रों जिसमें जीएसआई संचालित होता है, पर सात प्रकाशन भी जारी किए गए। बैठक के दौरान आगामी फील्ड सीजन 2023-24 के लिए प्रस्तावित वार्षिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया और चर्चा की गई। मुख्य रूप से लिथियम को सेरामिक (Ceramic) और कांच के उत्पादों, ग्रीस, फार्मास्युटिकल कम्पाउंड, एयर कंडीशनर और एल्यूमीनियम उत्पादन में उपयोग किया जाता है। सबसे कम घनत्व वाली धातु होने के कारण प्रति किलोग्राम उच्चतम ऊर्जा भंडारण क्षमता के लिए लिथियम बैटरी के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण घटक माना जाता है. लिथियम के कारण किसी भी बैटरी (Battery) का वजन अप्रत्याशित रूप से कम हो जाता है। उदाहरण के लिए, एक टेस्ला कार (Tesla Cars) 600 किलो लिथियम-आयन बैटरी पर काम कर सकती है। वही, अगर लेड-एसिड बैटरी पर निर्भर है, तो उसे 4000 किलोग्राम की आवश्यकता होगी। वहीं दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम जमा सालार डी उयूनी, बोलिविया में है, जहां वर्तमान में सरकारी नियमों के कारण खनन प्रतिबंधित है. हालांकि लिथियम सीमित है, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि महासागरों में 180 बिलियन टन धातु का अत्यधिक पतला रूप मौजूद है। खान मंत्रालय ने कहा, ‘भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू और कश्मीर (UT) के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम अनुमानित संसाधन (G3) मिला है’।
Shri. Vivek Bharadwaj, IAS, Secretary, @MinesMinIndia handed over 16 geological reports (G2 & G3 stage) & 35 Geological memorandums to state governments during the 62nd Central Geological Programming Board (CGPB) meeting held today. pic.twitter.com/oZiQUQtc3w
— Ministry Of Mines (@MinesMinIndia) February 9, 2023