पानी में चाय की पत्तियों को ज्यादा देर भिगोकर नहीं रखना चाहिए। इससे इसका न्यूट्रिएंट खत्म हो जाता है और ग्रीन टी से मिलने वाला लाभ नहीं मिल पाता।
ग्रीन टी बिना दूध के ही पी जाती है। इसमें दूध नहीं मिलाया जाता, इससे चाय का फायदा नहीं मिलता।
उबलते पानी में ग्रीन टी कभी न डालें। इससे एसिडिटी की समस्या हो सकती है। पहले पानी उबाल लें, फिर आंच से उतारकर उसमें ग्रीन टी की पत्तियां या टी बैग डालकर ढंक दें। दो मिनट बाद इसे छान लें या टी बैग अलग करें।
सुबह ख़ाली पेट ग्रीन टी पीना भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। खाली पेट ग्रीन टी पीने से एसिडिटी की शिकायत हो सकती है।
कुछ लोग खाने के तुरंत बाद वजन घटाने के लिए ग्रीन टी पी लेते है, जबकि इससे खाना पचाने में दिक्कत होती है और यह पोषक तत्वों के अब्सॉर्प्शन को रोक देती हैं।
दवाई खाने के ठीक बाद कभी भी ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए।
ग्रीन टी में कैफीन होता है। इसकी ज्यादा मात्रा में सेवन करने से बेचैनी, नींद नहीं आना, हार्ट बीट बढ़ना जैसा कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं
दिन में 2 दिन से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन करने से सिर दर्द की परेशानी दूर हो सकती हैं लेकिन अगर आप ग्रीन टी जरूरत से ज्यादा पीते हैं तो यह माइग्रेन की स्थिति उत्पन्न कर सकती है।इससे सिरदर्द की समस्या काफी ज्यादा बढ़ सकती है।