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Health: डायबिटीज के लिए काल है ये 3 तरह की रोटियां, हर दिन बदल-बदल कर खाएं

3 Type of Roti Control Diabetes: आमतौर पर भारत में गेंहू के आटे से बनी रोटियां खाने की आदत है। लेकिन इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है और यह डायबिटीज मरीजों को शुगर बढ़ा देता है। ऐसे में ये 3 तरह की रोटियां कभी शुगर को नहीं बढ़ने देगी।

 
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Image Credit: Pexels

3 Type of Roti Control Diabetes: डायबिटीज की स्थिति में खून में शुगर यानी ग्लूकोज की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती है। इसका कारण है पैंक्रियाज से बनने वाला हार्मोन इंसुलिन का कम बनना। इंसुलिन ही ग्लूकोज को अवशोषित कर इसे एनर्जी में बदल देता है।लेकिन इंसुलिन के अभाव में खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। यह ग्लूकोज खून में तैरता रहता है और यह ब्लड वैसल्स में शरीर के अंग-अंग में पहुंचने लगता है। इससे हार्ट, किडनी, आंख जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचता है। डायबिटीज में जब इंसान ज्यादा शुगर वाली चीजें खाते हैं तब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाएगी। यह स्थिति बेहद खराब होती है। गेंहू के आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है यानी इससे शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए इस आटे के विकल्प में आप ऐसे आटे की रोटियां खाएं जिनसे शुगर न बढ़े और इसे कम करें।

इन रोटियों से कम होगा ब्लड शुगर

रागी के आटे की रोटी

रागी (Finger Millet) आजकल पोषक तत्वों के लिहाज से सोना बन चुका है। हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक रागी फाइबर से भरा हुआ अनाज है। इसके आटे की रोटियां कभी भी खून में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ने नहीं देंगी। जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है अगर वह भी सप्ताह में दो-तीन दिन रागी की रोटियां खाता है तो उसे भी डायबिटीज नहीं होगा। रागी में मौजूद फाइबर से पेट भरा हुआ महसूस होता है, इसलिए यह वजन भी कम करता है। रागी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने में मदद करते हैं।

अमरंथ की रोटियां

अमरंथ रागी की तरह मिलेट है। अमरंथ एक अनाज का पौधा होता है जिसमें लाल रंग के दाने लगते हैं। अमरंथ को राजगीरा कहा जाता है। अमरंथ से दलिया बनाया जाता है। इसे चौलाई भी कहा जाता है। हाल ही की रिसर्च में पाया गया कि अमरंथ में एंटी-डायबेटिक और एंटीऑक्सीडेटिव गुण पाया जाता है। यानी यह शुगर को बढ़ने नहीं देता और शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। आजकल अमरंथ बेहद पॉपुलर हो गया है। अमरंथ की रोटियां ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखती है।

जौ की रोटियां

जौ मोटा अनाज की श्रेणी में आता है। जौ ऐसा अनाज है जिसमें प्रचूर मात्रा में फाइबर के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसलिए यह मेटाबोलिज्म को बूस्ट करने वाले हार्मोन के रिलीज को बढ़ाता है। इस तरह यह इंसुलिन को बढ़ाने में मदद करता है। जौ लो ग्रेड इंफ्लामेशन को भी कम करता है जिससे शरीर में कई तरह की बीमारियों से रक्षा होती है।

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