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UP: बड़े भाई को रणजी टीम में शामिल कराने के लिए छोटा भाई बना फर्जी चीफ सेक्रेटरी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Fake secretary: उत्तर प्रदेश की पुलिस ने फर्जी सेक्रेटरी बनकर क्रिकेट बोर्ड एसोसिएशन के अधिकारी को धमकी देने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
 
Fake chief secretary
Image credit: social media

UP Police: इस मामले में पुलिस ने बताया है कि बड़े भाई को रणजी टीम में भर्ती करने के लिए छोटे भाई और उसके पिता ने एक प्लानिंग की और इस प्लानिंग के तहत तीनों लोग पुलिस की गिरफ्त में आ गए। जिनके खिलाफ संबंधित धाराओं में कार्रवाई की गई।

फर्जी सेक्रेटरी बनकर बनाया जा रहा था दबाव

Kanpur News: उत्तर प्रदेश की पुलिस ने एक ऐसे मामले का खुलासा किया है जो कि फर्जी चीफ सेक्रेटरी बनकर यूपी बोर्ड एसोसिएशन के अधिकारी पर दबाव बनाने का काम कर रहा था। जिस पर पुलिस की नजर पड़ी तो पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल पूरा मामला कानपुर नगर का है। यहां पर एक छोटा भाई अपने बड़े भाई को रणजी टीम में भर्ती करने के लिए कुछ प्लानिंग करता है। छोटा भाई एक फर्जी चीफ सेक्रेटरी बन जाता है। बाद में वह चीफ सेक्रेटरी दुर्गा प्रसाद बनकर यूपीसीए के सेक्रेटरी प्रवीण गुप्ता को फोन करता है और उन पर दबाव बनाता है कि वह उनके बड़े भाई का रणजी टीम में सिलेक्शन कर दें। इसके लिए बाकायदा उनके पास एक मैसेज को भी छोड़ा जाता है। इस मामले की जब पुलिस को जानकारी मिलती है तो पुलिस दो भाइयों समेत पिता को गिरफ्तार कर लेती है।

रणजी टीम में सिलेक्शन के लिए रची गई थी प्लानिंग

दरअसल इस मामले में बताया गया कि कानपुर नगर की बर्रा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले अटल मिश्रा अकाउंटेंट है। उनके दो बेटे हैं उनका बड़ा बेटा ईशान मिश्रा कई सालों से यूपी की टीम में सिलेक्शन की तैयारी कर रहा है। लेकिन उसका सिलेक्शन नहीं हो रहा है। इसी के बाद पता चलता है कि अगर यूपी का कोई अधिकारी यूपीसीए के पास फोन कर देता है तो उसका सिलेक्शन पक्का हो सकता है। इसके बाद निशांत मिश्रा ने अपने छोटे भाई अंश मिश्रा से इसके बारे में जानकारी दी और कहा कि अगर कोई अधिकारी यूपीसीए के पास फोन कर देता है तो उसका सिलेक्शन पक्का हो जाता है। इसके बाद अंश ने प्लानिंग बनाना शुरू कर दी और यूपीसीए का नंबर भी वकायदा अरेंज कर लिया। इसके बाद अंश ने फर्जी चीफ सेक्रेटरी बनकर यूपीसीए के पास फोन किया और कहा कि ईशान मिश्रा का सिलेक्शन कर लिया जाए। राज्य के प्रमुख सचिव के नाम से भेजे गए मैसेज की जानकारी कानपुर नगर की पुलिस को दी गई। जिस पर पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि यह एक फर्जी तरीके से मैसेज और कॉल की गई थी। नंबर की गंभीरता से जांच पड़ताल की तो उसकी लोकेशन का पता चला। इसके बाद पुलिस ने ईशान मिश्रा, अंश मिश्रा, समेत उनके पिता को गिरफ्तार कर लिया। जिनके खिलाफ संबंधित धाराओं में कार्रवाई की गई।

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