UP: पूर्व बीजेपी सांसद ने PGI डॉक्टर पर लगाया आरोप, डॉक्टर ने बेटे का नहीं किया इलाज तो हुई मौत

Lucknow: राजधानी लखनऊ में बने पीजीआई अस्पताल का एक मामला सामने आया है। यहां पर प्रदेश में मौजूद भाजपा सरकार के पूर्व सांसद ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाया है। आरोप में कहा गया है कि मेरे बेटे का समय रहते इलाज नहीं किया गया है। जिससे उसकी मौत हो गई है। इस मामले में उन्होंने कार्रवाई की मांग की।
पूर्व सांसद ने डॉक्टर पर लगाए गंभीर आरोप
Former MP accused doctors: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बने सरकारी पीजीआई अस्पताल पर बीजेपी की पूर्व सांसद भैरव प्रसाद के द्वारा अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर डॉक्टर समय रहते मेरे बेटे को देख लेते और उसका इलाज करते तो उसकी जान नहीं जाती। डॉक्टर ने लापरवाही बरतने का काम किया जिससे हमारे बेटे की मौत हो गई। दरअसल बताते चलें कि पूर्व सांसद भैरों प्रसाद चित्रकूट जिले के रहने वाले हैं और 2014 में बांदा जिले से बीजेपी की टिकट पर संसदीय का चुनाव लड़े थे। यहां से उन्होंने जीत हासिल की थी। लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े भैरों प्रसाद इस वक्त पूरी तरीके से टूट गए हैं। उन्होंने लखनऊ में बने पीजीआई के डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि उनका बेटा किडनी की बीमारी से जूझ रहा था। हम अपने बेटे को पीजीआई अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आए। लेकिन यहां पर मौजूद डॉक्टरों ने हमारे बेटे को हाथ लगाना भी मुनासिब नहीं समझा। हम लगातार डॉक्टर से गुहार लगाते रहे कि आप हमारे बेटे को चेक करें और उसका समय रहते इलाज करें। लेकिन डॉक्टरों ने हमारी एक भी बात नहीं मानी जिसकी वजह से हमारे बेटे की मौत हो गई। अगर डॉक्टर समय रहती है हमारे बेटे को चेक करते उसका इलाज करते तो उसकी आज मौत नहीं होती।
डॉक्टरों की लापरवाही के वजह से धरने पर बैठे पूर्व सांसद
बेटे की मौत के बाद पूर्व सांसद इस कदर नाजायज हो गए की वह पीजीआई में धरने पर बैठ गए और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने लगे। इस मामले की जानकारी पीजीआई की निदेशक को हुई तो वह मौके पर पहुंचे। जहां पर वह नहीं पूर्व सांसद से बातचीत की और कहा कि पूरे मामले की गंभीरता के साथ जांच पड़ताल की जाएगी। इसके बाद पूर्व सांसद धरने से उठे और उन्होंने कहा कि मुझे डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई चाहिए। पीजीआई की निदेशक ने कहा है कि इस जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी को बना दिया गया है। जिसमे डॉक्टर संजय राज, डॉक्टर DK पालीवाल और डॉक्टर RK सिंह शामिल हैं। इन सभी डॉक्टरों को आदेश दिए गए हैं कि यह 48 घंटे के अंदर पूरी जांच कर मामले की जानकारी दें। अगर किसी डॉक्टर के द्वारा लापरवाही बरती गई होगी तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
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