Nithaari Kaand: 'कहीं ये न लगे कि हम बच्चे खाते हैं...' सुरेंद्र कोली के भाई ने सुनाया दर्द
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सबूतों के आभाव में नोएडा के चर्चित निठारी कांड में दोषी सुरेंद्र कोली की 12 मामलों में और मनिंदर सिंह पंढेर की 2 मामलों में फांसी की सजा रद्द कर दी है। कोर्ट ने इन मामलों में सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह दोनों को निर्दोष करार दिया।इस बीच सुरेंद्र कोली के एक भाई ने अपने परिवार की दास्तां सुनाई है।

Nithari Murder Case: भारत के सबसे बहुचर्चित निठारी कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, जिसमें 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल बरामद किए गए थे। हालांकि 17 साल बाद इस मामले के दो आरोपी, सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को क्रमशः 12 मामले और 2 मामलों में मिली फांसी की सजा को यूपी हाईकोर्ट ने रद्द करते हुए बरी कर दिया। पंढेर चार मामलों में पहले ही बरी हो चुके थे, वहीं कोली के खिलाफ अभी 2 मामले लंबित हैं। कोली का परिवार अब पूरी तरह से बिखर चुका है। सुरेंद्र कोली के एक भाई ने एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए अपने परिवार की दास्तां सुनाई है।
लहसुन प्याज खाना छोड़ा
कोली के भाई ने कहा, ‘हमें मीट और मछली खाना पसंद था, लेकिन जिस दिन मेरा भाई (सुरिंदर कोली) जेल गया, सब कुछ बदल गया। सालों तक हमने प्याज और लहसुन के साथ खाना भी नहीं बनाया। हमें डर था कि अगर गंध फैल गई, तो पड़ोसी सोचेंगे कि हम बच्चों को खाना बना रहे हैं और हम पर हमला करने आ सकते हैं।’ ये भयावह शब्द सुरिंदर कोली के भाइयों में से एक के हैं, जिन्होंने कुख्यात निठारी हत्याकांड में कोली के बरी होने के 10 दिन बाद मीडिया चैनल से बात की थी।
दोषी ठहराने के सबूत नहीं
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 16 अक्टूबर को सुरिंदर कोली को हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत नष्ट करने के सभी आरोपों से बरी कर दिया और कहा कि उसे दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे। कोली के सहयोगी मोनिंदर सिंह पंढेर को भी 17 साल पुराने मामले में बरी कर दिया गया। साल 2006 में, नोएडा के निठारी गांव में पंढेर के डी-5 बंगले और उसके आसपास कई मानव अवशेषों की खोज के बाद नोएडा पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।
दोनों पर हत्या के कई मामलों का आरोप लगाया गया था। भयानक सर्च अभियान चलाने के बाद के दिनों में, एक जंगली अफवाह फैल गई कि दोनों ने अपने पीड़ितों के अवशेषों को प्रेशर कुकर में पकाया और उन्हें खा लिया। सुरेंद्र कोली के भाई ने पिछले 17 सालों की अपनी आपबीती बताते हुए कहा, ‘पिछले 16 वर्षों में, लोगों ने मुझ पर पत्थर फेंके, गालियां दीं। उन वर्षों में, मैं केवल ‘निठारी के कोली का भाई’ बनकर रह गया।’
कोली के बारे में बोलते हुए, उसके भाई ने कहा, ‘पिछले 17 सालों से, सुरिंदर (सुरिंदर कोली) के साथ हम भी ऐसे रह रहे हैं जैसे कि जेल में हों।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारा सामान हमारे घर से बाहर फेंक दिया गया। हम अपना नाम और चेहरा छुपाते हुए घूमते रहे।उन्होंने आगे बताया कि सर्च इंजन गूगल पर, अगर कोई निठारी खोजता है, तो उसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों में “नरभक्षी”, “सीरियल रेपिस्ट” और “बीस्ट” जैसे शब्दों वाले आर्टिकल मिलते हैं।
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