Rights: आवारा कुत्तों के काटने पर अगर हो जाए मौत तो कौन होगा जिम्मेदार? जानें इसको लेकर बना कानून
Dog Bite: जो लोग दोपहिया या चार पहिया वाहन पर जाते हैं, उनके पीछे भी ये डॉग भागते हैं। दरअसल, देखा जाए तो इन आवारा कुत्तों की तादाद पहले के मुकाबले काफी बढ़ गई है।
Oct 30, 2023, 08:51 IST

image credit: dog bite/ pixabay
Street Dog Attack: आप जब अपने गली-मोहल्ले से गुजरते होंगे, तो कभी न कभी तो आप पर कोई कुत्ता भौंका होगा? खासतौर पर रात के समय तो ये कुत्ते आने-जाने वाले लोगों पर खूब भौंकते हैं और कई लोगों को तो काट भी लेते हैं। जो लोग दोपहिया या चार पहिया वाहन पर जाते हैं, उनके पीछे भी ये डॉग भागते हैं। दरअसल, देखा जाए तो इन आवारा कुत्तों की तादाद पहले के मुकाबले काफी बढ़ गई है। ऐसे में इनकी वजह से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कभी बच्चों को काटने के मामले, तो कभी अन्य लोगों को काटने के मामने सामने आते रहते हैं। ऐसे में सवाल ये है कि अगर किसी आवारा कुत्ते के काटने पर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? क्या इसको लेकर कोई कानून है और अगर है, तो वो क्या कहता है? तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
पहले ये बातें जान लें:-
- कुत्ता जब भी भौंके तो कभी भागे नहीं, आराम से चलें
- रात के समय या सुबह वॉक पर जाते समय अपने साथ एक डंडा लेकर जाएं
- अगर बाहर कुत्ते हैं, तो बच्चों को गली में अकेला न छोड़ें
- दोपहिया वाहन चलाते समय कुत्ते भौंके, तो गाड़ी तेज न चलाएं, बल्कि धीरे चलें आदि।
कुत्ते के काटने के कारण:-
- जब कुत्ता भूखा हो
- खुद की या अपने पिल्लों की रक्षा करने के दौरान
- जा रहे व्यक्ति को गलत समझने पर या खतरा महसूस होने पर
- अगर आवारा कुत्ता पागल हो गया है या आहत है
- उकसाए जाने पर आदि।
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- अगर आप कानूनी रूप से समझेंगे, तो कुत्तों को सड़कों से हाटना गैरकानूनी है। साथ ही आप कुत्तों को सड़क से भगा भी नहीं सकते, क्योंकि जब कोई कुत्ता सड़क पर होता है, तो उसे गोद लिए जाने तक वहां रहने का अधिकार कानून देता है। वहीं, साल 2001 से भारत में आवारा कुत्तों की हत्या करने पर भी प्रतिबंध है। पहले मुंबई उच्च न्यायलय ने नगरपालिका को "उपद्रव पैदा करने वाले" कुत्तों को मारने की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को निलंबित कर दिया।
- अगर कोई आवारा कुत्तों को खाना खिलाता है, तो ये कानूनी रूप से गलत नहीं है। वहीं, अगर किसी आवारा कुत्ते के काटने पर किसी व्यक्ति की मौत हो जाए, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ये स्पष्ट रुप से साफ नजर नहीं आता है। पर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि नगर निगम, पशु कल्याण संगठनों और नागरिक समाज समूहों का रवैया उदासीन और उपेक्षित रहा है।